24 अप्रैल 2021

अमर प्रेम: सा​त जन्मों का साथ निभाने पति की मौत के बाद पत्नी ने भी चल दी पीछे-पीछे

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से एक अमर प्रेम की कहानी सामने आई है। रिश्ते है अनमोल में इस कहानी का जिक्र इसलिए कर रहे है कि इसमें एक पत्नी ने पति को किए साथ-साथ जीने मरने को वादे को निभाने के लिए बच्चों की प​रवाह किए बिना ही पति की मौत्है के बाद खुद को आग लगाकर अपनी जान दे दी। ब्याह के बाद विदा होकर आई महिला पति के साथ ही इस दुनिया से विदा हुई। हालांकि उसके इस कदम से उसके बच्चों के सिर से एक ही दिन माता-पिता दोनों का छाया उठ गया। इस अमर कहान को जिसने भी सुना उसकी आंखों से आंसू आ गए। 

जब नहीं जुड़ सकीं दोनों की प्यार की गांठ तो उड़ गए एक साथ आसमान में

अमर प्रेम की यह कहानी मिर्जापुर केकोतवाली क्षेत्र के गैपुरा गांव से सामने आया है। यहां मांडवी और विनोद की शादी लगभग बीस साल पहले हुई थी। बीस साल से दोनों एक सुखद वैवाहिक जीवन जी रहे थे। भगवान इन दोनों के संसार में बच्चों को दिया था। परिवार हंसी-खुशी जीवन जी रहा था। न जाने इस परिवार की खुशी को किसकी नजर लग गई। 

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प्रतीकात्मक चित्र

एक सप्ताह पूर्व पति विनोद बीमार हुए। परिजन इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में लेकर गए। बीमारी ने विनोद की जान ले ली। दोपहर बाद जब पति का शव परिजन घर लेकर आए तो पहले पत्नी एक बार पति को अपलक नैनों से देखा और भागते हुई कमरे में चली गई। मां को कमरे में जाते देख दो बच्चे भी मां के साथ कमरें पहुंच गए। मां ने बच्चों को गले लगाकर बाहर भे दिया फिर अपने शरीरी पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा कर जान दे दी। एक ही परिवार में दो लोगों की मौत से कोहराम मच गया। माता-पिता की मौत से पांच बच्चों के सिर से उनका साया उठ गया।

 सात जन्मों का साथ निभाने पति की मौत के बाद पत्नी ने भी इस तरह दे दी जान

आग लगाने से पहले मांडवी ने बच्चों को गले लगाया फिर यह कहकर बाहर भेज दिया कि तुम्हारे पापा सो रहे थे। अब नींद से जग गए हैं। बच्चे वापस लौट गए। इतने में महिला ने कमरे में अपने शरीर पर केरोसिन उड़ेलकर खुद को आग के हवाले कर दिया। कुछ देर बाद कमरे के अंदर से धुआं उठता देख लोग दौड़ पड़े। दरवाजा खोला तो महिला को आग की लपटों में देख होश उड़ गए। किसी तरह आग बुझाकर झुलसी महिला को जिला अस्पताल ले जा रहे थे। लेकिन विंध्याचल पहुंचते ही बीच रास्ते में मांडवी ने दम तोड़ दिया। 

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वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी। एक ही परिवार में दो सदस्यों की मौत घरवालों का रो रो कर हाल बेहाल हो गया। बच्चों के सिर से एक ही दिन माता-पिता का छाया उठने से अनाथ हो गए। वहीं एक ही दिन पति—पत्नी की मौत गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है। गांव के लोग पति-पत्नी के प्रेम के उदाहरण देते थे, कि उस परिवार में कभी किसी बात को लेकर कहल नहीं होती। आज जब दोनों एक साथ दुनिया को अलविदा कह गए तो हर किसी की आंख भर आई। 

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