30 जून 2021

नासिक में एक युवक का किन्नर पर आया दिल फिर मंदिर में रचाई दोनों ने शादी, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

मुंबई।अभी तक देश के विभिन्न कोनों से किन्नरों के साथ दुव्यवहार की खबरें मीडिया में सुर्खियां बनती थी, लेकिन महाराष्ट्र के नासिक से वायरल हुआ एक वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। इस वीडियो में एक युवक मंदिर में हिन्दू ​रीति रिवाज से शादी कर रहा है। हालांकि यह शादी 15 दिन पहले हुई है, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद लोगों का ध्यान इस ओर आ​​​कर्षित हुआ है। यह मामला नासिक के मनमाड़ इलाके का है। यहां एक युवक ने एक किन्नर से पूरे रीति रिवाजों के साथ विवाह किया है। उसके परिजनों ने भी खुले मन ने किन्नर बहू को अपना लिया है। 15 दिन बाद भी किन्नर बहू से मिलने के लिए हर दिन लोग इनके घर आ रहे हैं।

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नासिक के मनमाड़ के रहने वाले संजय झालटे ने समाज और लोगों की परवाह किए बिना 15 जून को लक्ष्मी नाम की किन्नर को अपना जीवन साथी बनाया। इस शादी में ज्यादा लोग शामिल नहीं हुए, लेकिन जितने भी लोग यहां आए सभी ने इस जोड़े को अपना आशीर्वाद दिया। संजय का कहना है कि इस तरह की शादी से वे समाज में एक संदेश देना चाहते हैं।संजय झालटे की पहचान किन्नर 'शिवलक्ष्मी' से टिकटॉक के जरिये हुई। कुछ दिनों में पहचान प्रेम में बदल गई और फिर दोनों ने शादी का फैसला किया। संजय ने अपनी इच्छा अपनी मां को बताई और फिर उनकी मां रिश्ता लेकर शिवलक्ष्मी के पास गईं। उनके मानने के बाद दोनों की शादी मनमाड़ के प्राचीन शिव मंदिर में हुई। इस शादी में शिवलक्ष्मी की कुछ किन्नर साथी भी शामिल हए थे।


इस अनोखी शादी को लेकर संजय झालटे का कहना है कि 'आखिरकार किन्नर भी एक इंसान ही है। उनकी भी अपनी जिंदगी है। ऐसे में उनके साथ शादी करने में क्या दिक्कत है। नई जिंदगी की शुरुआत करते हुए संजय ने एक गाने की कुछ पंक्तियां भी कहीं कि कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना।' संजय की मां कहती हैं कि यह सब सुनकर अजीब लगता है कि बेटे ने एक किन्नर से शादी की है। लेकिन यह भी सच है कि दोनों ने समाज के सामने नया आदर्श प्रस्तुत लिया है। फिलहाल गांव के लोगों के लिए भी यह शादी चर्चा का विषय बनी हुई है।


शिवलक्ष्मी का कहना है, "भारतीय संस्कृति में लड़की शादी के बाद अपने पति के घर ससुराल जाती है। मुझे कभी नहीं लगा था कि मुझे एक बहू के रूप में स्वीकार किया जाएगा, लेकिन हम दोनों के परिवार ने समाज के सभी रूढ़ीवादी परंपराओं से ज्यादा हमारे रिश्ते को अहमियत दी। मुझे अपने नाम की तरह सही मायने में एक लक्ष्मी के रूप के स्वीकारा। ये सब एक सपने की तरह है। जाहिर है में बहुत खुश हूं।\

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