09 मई 2021

मानवता शर्मसार: बेटी का शव खाट पर लटका कर मजबूर पिता लेकर पहुंचा पीएम कराने

सिंगरौली। मध्यप्रेश के सिंगरौली जिले से बेबस पिता की कहानी सामने आई है। यहां एक अपनों से रूठी बेटी ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों ने  स्थानीय पुलिस को सूचना दी। स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंचे और पंचनामा के बाद पिता से बोले शव का पीएम कराने के लिए अस्पताल लेकर चलों और पुलिस वाले वहां से चलते बनें। इसके बाद मजबूर आदिवासी पिता आसपास पता किया कहीं से भी शव वाहन नहीं मिला। 


आखिर में पिता ने बेटी के शव का पीएम कराने के लिए चारपाई पर सुलाकर 25 किमी दूर अस्पताल लेकर पहुंचा एक तरफ पिता चारपाई को बल्ली के सहारे पकड़े हुए था दूसरी तरफ परिवार को कोई और सदस्य इस तरह अदला-बदली करके परिवार ​बेटी का शव अस्पातल लेकर पहुंचा। वहां पीएम के बाद एक फिर ​मजबूर पिता ने शव वाहन के लिए विनती की जब नहीं मिला तो फिर उसी तरह बेटी का शव लेकर 25 ​किमी की यात्रा पूरी करके घर आया और बेटी का अंतिम संस्कार करा दिया। इस बीच मध्यप्रदेश का सरकारी तंत्र आंख मूंदकर तमाशा देखता रहा। किसी ने इसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दी है। रविवार सुबह से यह सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश सरकार के साथ ही सिंगरौली जिला प्रशासन की थू-थू हो रही है। 

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पीएम के लिए बेटी का शव लेकर जाता पिता। फोटो सोशल मीडिया

मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के आदिवासी अंचल सरई क्षेत्र के गड़ई गांव निवासी धिरूपति की 16 वर्षीय नाबालिग बेटी ने 5 मई की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में 6 मई को सरई थाना सहित निवास चौकी को दी गई। सूचना पर निवास चौकी पुलिस ने विवेचना के बाद पोस्टमार्टम कराने के लिए निवास अस्पताल चलने को कहा। आनन-फानन में यहां -वहां एंबुलेंस की तलाश की गई।

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 पिता स्थानीय अमले से लेकर पुलिस से शव वाहन की मांग की, लेकिन कोरोना के चलते कोई एंबुलेंस खाली नहीं मिली। हारकर बेटी का शव पिता ने खाट को उल्टा कर चारों पावों में रस्सी बांधकर एक बल्ली के सहारे 25 किलोमीटर दूर निवास अस्पताल के लिए चल दिया ।फिर पोस्टमार्टम के बाद पुन: शव वाहन न मिलने के बाद दोबारा 25 किलोमीटर गांव आकर अंतिम संस्कार किया।

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आपकों बता दें कि सिंगरौली जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर सरई आदिवासी अंचल है।आदिवासी अंचल अभी भी विकास से कोसों दूर हैं, यहां आए दिन बांस बल्ली और खाट पर ही बांधकर शव लाये ले जाते है। सिंगरौली जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर सरई तहसील एक कस्बा है। जहां करीब 50 किमी. के आसपास बहुत पिछड़ा क्षेत्र लगा है। वहीं निवास चौकी के आसपास का एरिया जिला ​मुख्यालय से बिल्कुल कटा है। जिससे यहां कागजों में सब सही चलता है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और होती है।

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सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोग बेदम हो चुके सरकारी सिस्टम को भले कोश रहे हो, लेकिन यहां ऐसे मजबूर पिताओं की मदद के लिए कोई आगे नहीं आता। परिवार अकेले अपनों के खोने के गम के साथ ही दुनिया की बेरूखी को झेलता है।