09 मई 2021

अवैध संबंध के शक में प्रो. पत्नी ने डॉक्टर पति को पहले नींद की गोली दी फिर ​करंट लगाकर दी मौत

छतरपुर। परिवार रूपी गाड़ी चलाने के लिए पति -पत्नी दोनों में विश्वास बहुत जरूरी है, यदि यह विश्वास रूपी डोर हल्की सी भी कमजोर हुई तो उस परिवार को भगवान भी नहीं बचा सकता है। रिश्ते है अनमोल में आज मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में हुए बहुचर्चित हत्याकांड का जिक्र कर रहे है। इस हत्याकांड में एक प्रोफेसर पत्नी ने रिटायर्ड डॉक्टर पति को पहले खाने में जहर दिया, इसके बाद भी मौत नहीं हुई तो करंट लगाकर मौत के घाट उतारा था। महिला ने पति की मौत को कोरोना संक्रमण से मौत दिखाने के लिए शव को दो दिन तक कमरे में बंद रखा और खुद घर से दूर बेटे के साथ चली गई। 

जब दो दिन बाद घर लौटी तो मासूम बनते हुए पति की मौत की जानकारी पुलिस को दी । पुलिस को बताया कि वह​ किसी काम से बाहर गई थी, जब लौटकर आई तो पति घर में मृत मिले। पुलिस ने भी कोरोना संक्रमण से मौत मानते हुए स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया। जब सैंपल की रिपोर्ट आई तो सभी चौक गए क्योंकि मृतक के शरीर में कोरोना के कोई लक्ष्ण नहीं थे। दरअसल प्रोफेसर पत्नी को अपने डॉक्टर पति पर शक था कि उसका किसी और महिला से संबंध है। इसी को लेकर पिछले बीस साल से दोनों में विवाद चल रहा था। और इस विवाद का अंत इस तरह होगा यह किसी ने सोचा भी नही था।

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 प्रतीकात्मक चित्र
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छतरपुर पुलिस ने डॉ. नीरज पाठक हत्याकांड का खुलासा कर दिया। पुलिस पूछताछ में प्रोफेसर पत्नी ने बताया कि उसने पति को खाने में नींद की गोलियां मिलाकर खिला दी। खाना खाने के बाद वह गहरी नींद में सो गए। इसके बाद एक्सटेंशन बोर्ड ले जाकर करंट लगाकर हत्या कर दी। मौत होने के बाद आरोपी पत्नी ने पति का शव दो दिन तक बेडरूम में ही छोड़कर झांसी चली गई। दो दिन बाद जब 1 मई को घर लौटी तो पुलिस थाने पहुंचकर पति की मौत की खबर पुलिस को दी।

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प्रोफेसर ममता ने पूछताछ बताया कि कहीं एक वीडियो देखा था जिसमें बताया गया था कि खाने में जहर देने के बाद यदि दो दिन तक शव को रखा रहने दिया जाए तो पोस्टमार्टम में जहर सामने नहीं आता है। इसलिए 29 अप्रैल को डॉ. पाठक की हत्या कर शव को घर में रखा। ताकि नींद की गोलियां खिलाने के साक्ष्य न मिल पाएं।मालूम हो कि छतरपुर के लोकनाथ पुरम निवासी डॉ. नीरज पाठक की हत्या मामले में उनकी ही पत्नी ममता पाठक को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर पत्नी पर संदेह हुआ था। थाने लाकर पूछताछ की तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल लिया है।

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वहीं आरोपी के कब्जे से करंट लगाने में उपयोग किया गया एक्सटेंशन बोर्ड और बची हुई नींद की गोलियां बरामद कर ली गई है। आरोपी प्रोफेसर ममता पाठक को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेजा जाएगा।डॉक्टर नीरज पाठक और उनकी प्रोफेसर पत्नी ममता पाठक में पिछले 20 साल से विवाद चल रहा था। प्रोफेसर पत्नी को शक था कि उनके डॉक्टर पति के किसी अन्य महिला से संबंध हैं। इसलिए वे रात के समय उसे नींद का इंजेक्शन देकर सुला देते थे।

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जबकि डॉक्टर का तर्क था कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब रहने से उसे नींद नहीं आती इसलिए इंजेक्शन देकर सुला देता हूं। इसी विवाद के चलते बीते कई सालों में ममता पाठक ने संबंधित थाना, छतरपुर एसपी, सागर आईजी, भोपाल में डीजीपी तक से शिकायत करते हुए डॉ नीरज पाठक पर अन्य महिला से संबंध रखने का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की शिकायत की। लेकिन जांच के दौरान मामला बेबुनियाद पाया गया था। यहां बता दें कि डॉ. पाठक अपनी मौत से एक दिन पहले यानि 28 अप्रैल को शिकायत करने थाने गए थे। उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे पर मोबाइल छीनने का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। यदि पुलिस ने कोई कदम उठाया होता तो आज डॉ. पाठक जीवित होते। 

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