09 मई 2021

कोरोना संक्रमितों की सेवा की खातिर महिला डॉक्टर ने तोड़ दी अपनी शादी

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नागपुर से एक और मानवता की सेवा की मिशाल पेश करती कहानी सामने आई है। यहां महिला डॉक्टर ने अपने कर्त्तव्य और मरीजों की सेवा के लिए अपनी शादी तक तोड़ दी। जहां एक तरफ बहुत से युवक सरकारों द्वारा लगाए गए शादी विवाह के फंसन से नाराज है वह शादी के लिए कई जतन कर रहे है। वहीं नागपुर के सेंट्रल इंडिया कार्डिओलॉजी हॉस्पिटल में बतौर फिजीशियन काम कर रही अपूर्वा मंगलगिरी ने पहले अपनी शादी आगे बढाने की बात की लेकिन जब लड़के वाले उसी डेट पर शादी करने की जिद्द पर अड़ गए तो अपूर्वा ने शादी को तोड़ ​दी। मालूम हो कि अपूर्वा की शादी 26 अप्रैल को होने वाली थी। अपूर्वा का कहना है कि इस समय कोरोना संक्रमितों की सेवा कराना ही सबसे बड़ा काम है। शादी तो बाद में भी हो जाएगी।

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  प्रतीकात्मक चित्र


अपूर्वा ने बताया कि कोरोना की वजह से ही पिछले साल सितंबर में उनके पिता का निधन हो गया था। इसलिए मैं ऐसे परिवार की बेबसी और दर्द को समझती हूं। मेरे पास हर दिन जरूरतमंदों के फोन आते हैं, वे बेड से लेकर ऑक्सीजन तक की मदद मांगते हैं। एक बेड और एक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए वे मेरे सामने हाथ जोड़ते हैं। कई बार मैं सिर्फ असहाय होकर उनकी बातें सुनती हूं।क्योंकि इस समय संक्रमितों के हिसाब से अस्पताल में व्यवस्थाएं नहीं है। 

मैं अपना हर मिनट सिर्फ कोविड मरीजों की मदद में देना चाहती हैं। शादी तोड़ने के फैसले पर अपूर्वा ने कहा- यह फैसला मुश्किल था, हो सकता है भविष्य में यह गलत भी साबित हो, लेकिन वर्तमान समय के हिसाब से मैंने टफ डिसीजन लिया है। अपूर्वा ने आगे बताया,'इस महामारी के बीच जहां हम अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयों, वेंटिलेटर, डॉक्टरों और नर्सों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में मैं नहीं चाहती थी कि मेरी शादी में 20-25 लोग शामिल हों और अगले दिन वे संक्रिमत हो जाए।

अपूर्वा के इस फैसले के साथ उनका पूरा परिवार खड़ा है। परिवार बेटी के इस फैसले पर गर्व कर रहा है। अपूर्वा ने बताया,'शादी से 10 दिन पहले, मैंने पहले शादी करने का विचार छोड़ दिया था। मेरे मरीजों को मेरी जरूरत थी और मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात चल रही थी।

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