20 अप्रैल 2021

माचिस की तीली से उठी आग ने मां के कलेजे के टुकड़े को जलाकर कर दिया राख

संभल। संभल का रहने वाला एक किसान परिवार पिछले नौ महीने से काफी खुश था। क्योंकि भगवान ने दो बेटियों के बाद एक बेटा दिया था। बेटे के जन्म के बाद पूरा परिवार फूले नहीं समा रहा था। दोनों बहनें भी भाई को बहुत प्यार करती थी। दिन-भर उसके साथ खेलती थी। सबसे ज्याद खुश उनकी मां थी। लेकिन इस परिवार की खुशियों को सोमवार को ग्रहण लग गया। परिवार के सभी सदस्य सोमवार को खेत पर गेहूं काटने के जा रहे थे। बच्चों को घर पर न छोड़कर साथ खेत ले गए। 

 बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां ने भी तोड़ा दम एक साथ उठी दोनों की अर्थी, परिवार पर टूटा गमों का पहाड़

खेत में पड़ी झोपड़ी में तीनों बच्चों को बैठा दिया दोनों बड़ी बहनें वही खेलने लगी, जबकि नौ माह के बेटे को चारपाई पर सुलाकर मां खेत में गेहूं काटने चली। उस मां को नहीं पता था कि जिन बच्चों को वह धूप से बचाने के लिए झोपड़ी में सुला रहीं उनके साथ क्या होने वाला है। इसी दौरान दोनों बहने खेलते -खेलते झोपड़ी में रखी माचिस पा गई। खेलत समय माचिस से आग लग गई। आग देखकर दोनों बहनें भागकर झोपड़ी से बाहर आई और चिल्लाकर मम्मी पापा को बुलाया। जब तक उसके मम्मी- पापा की नजर झोपड़ी पर पड़ी तब तक आग विकाराल रूप ले चुकी थी। 

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प्रतीकात्मक चित्र

भागते हुए माता-पिता और दादा झोपड़ी के पास पहुंचे,आसपास खेतों में काम कर रहे अन्य लोग भी पहुंचे। लोगों ने जब तक आग को बुझाने की कोशिश की तब तक झोपड़ी जलकर मासूम के पर गिर गई।सभी लोगों ने मिलकर किसी तरह आग को बुझाकर बच्चे को उसमें से निकाला तब तक उसकी जलकर मौत हो चुकी थी। बेटे के शव को देखकर मां के साथ ही पूरे परिवार के आंखों के सामने अंधेरा छा गया। मां गश् खाकर गिर पड़ी। आसपास के लोगों ने किसी तरह परिवार को संभाला, वहीं पास में खड़ी दो बड़ी बहनें कुछ समझ नहीं पा रही थी कि उनके खेल की वजह से क्या से क्या हो गया। 

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यह दिल को झकझोरने वाली घटना उत्तर प्रदेश संभल जिले के गुन्नौर थाना क्षेत्र के गांव गंगावास का है। यहां के रहने वाले  कल्याण अपनी पत्नी कमलेश और पिता शिवनारायन के साथ सोमवार की शाम चार बजे खेत में पर गेहूं काट रहे थे। धूप से बचने के लिए कल्याण ने खेत पर ही एक झोपड़ी बनी झोपड़ी में बच्चों को उसी में बैठाकर पूरा परिवार गेहूं काटने लगे । 

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इस दौरान झोपड़ी में बेटी रेनू, नन्हीं और नौ माह के बेटे राघव खेल रहे थे। इसी बीच कल्याण की दोनों बेटियां झोपड़ी में खेलते-खेलते  पिता की जेब में रखी माचिस निकाल ली। खेलते समय माचिस में आग लग गई। आग लगते ही दोनों बहनें वहां से भागकर जान बचा ली, लेकिन झोपड़ी में सो रहा नौ माह का भाई राघव आग से जलकर मर गया। शोर शराबा सुनकर कल्याण पत्नी के साथ मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक जलती हुई झोपड़ी जलकर मासूम के ऊपर गिर चुकी थी। झोपड़ी जलने के साथ ही इस गरीब परिवार की खुशियां भी जलकर राख हो गई। 

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