गोंडा। कोरोना काल में जहां हर तरफ से रिश्ते टूटने की खबर आ रहीं है। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक अनोखी शादी ने सबकों चकित कर दिया। यहां एक युवक ने अपनी होने वाली दुल्हन की इच्छा के लिए अकेले अपने पिता के साथ पहुंचकर मंदिर में शादी रचाई और बिना दहेज के शादी की पूरी रस्में पूरी की। इस अनोखाी शादी में दूल्हे की ओर से केवल तो दुल्हन की ओर से उसकी मां और भाई ही शामिल हुए और मंदिर के पुजारी ने शादी विधि विधान से कराई।
गोंडा जिले के ढोढ़िया पारा निवासी भगवान दत्त के बेटे मोनू की शादी काफी पहले पड़ोसी गांव सहिबापुर निवासी स्व नाथूराम चौहान की बेटी रेशमी चौहान से तय थी। भगवान दत्त के करीबी अचलपुर गांव निवासी राजगीर बहादुर चौहान ने यह शादी तय कराई थी। शादी की तिथि 27 अप्रैल को तय थी। कोरोना की वजह से दोनों परिवारों को लगा कि शादी की तिथि बदलनी पड़ेगी। इस बीच राजगीर बहादुर चौहान ने पहल की तो दूल्हे के पिता भगवान दत्त ने तय किया कि शादी तय तिथि पर ही होगी।
प्रतीकात्मक चित्र |
राजगीर बहादुर चौहान ने कहा कि वह शादी मां दुर्गा मंदिर करेंगे। उनकी यह इच्छा सोमवार शाम को पूरी हुई। भगवानदत्त बतौर बाराती अपने बेटे मोनू के साथ सोमवार शाम मां दुर्गा मंदिर पहुंचे। यहां रेशमी अपनी मां कृष्णावती और भाई सुनील के साथ पहले ही पहुंच गई थी। राजगीर बहादुर चौहान ने दुर्गा मंदिर के पुजारी अजय कुमार को दोपहर में ही बुला लिया था। यज्ञ कुंड तैयार था। थाल में पूजा की सामग्री सजा दी गई थी।
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शाम को विधि-विधान से शादी की रस्म पूरी कराई गई। मोनू और रेशमी ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई और जनम-जनम के बंधन में बंध गए। इसके बाद राजगीर बहादुर ने सभी को मिठाई खिलाकर पानी पिलाया और फिर दुल्हन की ससुराल के लिए विदाई हुई।
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इस अनोखी शादी की एक और अनोखी बात यह रहीं कि वर पक्ष ने एक रुपये भी दहेज के रुप में नहीं लिया। लड़की पक्ष के लोगों ने नेग भी देना चाहा तो यह कहकर मना कर दिया कि इस शादी में कुछ भी न लेने का उन्होंने मन बना लिया है।
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सहिबापुर निवासी स्व0 नाथूराम की बेटी रेशमी अपनी शादी पुलिस की निगरानी में करना चाहती थी। वह प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार तिवारी से मिली और आपबीती सुनाई। प्रभारी निरीक्षक संतोष तिवारी ने थाने के पास स्थित मां दुर्गा मंदिर में शादी की अनुमति दे दी। वहीं यह अनोखी शादी सोशल मीडिया पर खूब चर्चित हो रही है।
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